पृथ्वी की संरचना में पृथ्वी की परतें क्या है? – Gyan Ki Baatein

दोस्तो, हमारी पृथ्वी जहाँ हम सब रहते है हम जो देखते है वह तो हम पृथ्वी के ऊपरी हिस्से को देखते हैं।

जिसे हम पृथ्वी का वायुमंडल कहते हैं वैसे ही पृथ्वी का स्थलमंडल भी होता है यह आप भलीभांति जानते होगे पर आज Gyan Ki Baatein के इस ब्लॉग में स्थलमंडल के बारे में पृथ्वी की संरचना में पृथ्वी की परतें क्या है यह भी अच्छे से जानने वाले हैं। 

कहा जाता है कि पृथ्वी की संरचना साढ़े 4 अरब साल पहले हुई थी। पूरे पृथ्वी के क्षेत्रफल यानि एरिया की बात करें तो पूरी पृथ्वी का क्षेत्रफल 51,00,72,000 स्क्वेयर किलोमीटर है। 

इनमें से 14,89,40,000 स्क्वेयर किलोमीटर जमीन का क्षेत्रफल और 36,11,32,000 स्क्वेयर किलोमीटर पानी का क्षेत्रफल है। यानी देखा जाए तो पृथ्वी पर 29.2% हिस्सा जमीन का है और 70.8% हिस्सा पानी का है। 

अभी हम पृथ्वी की संरचना में पृथ्वी की परतें क्या है इसके बारे मे बात करते हैं।

पृथ्वी की संरचना में पृथ्वी की परतें क्या है?

पृथ्वी के मुख्य तीन परत हैं जिनके नाम हैं 

  1. क्रस्ट(Crust), 
  2. मैटल(Mantle) और 
  3. कोर(Core) 

पृथ्वी की परतो को वैज्ञानिक ने नाप मापन के हितों के कारण इसे पांच भागों में बांटा है यानि 

  1. क्रस्ट
  2. अपर मैटल
  3. लोअर मैटल
  4. आउटर कोर
  5. इनर कोर। 

दरअसल, पृथ्वी की संरचना में पृथ्वी की परतें क्या है यह जानने के लिए वैज्ञानिकों ने एक गहरा गड्ढा खोदा, जिससे कोला सुपर डीप बोर हिल नाम दिया गया।

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कोला सुपर डीप बोर हिल क्या है?

अगर आप कोला सुपर डीप बोरवेल के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि वैज्ञानिकों ने पृथ्वी को समझने के लिए जमीन में एक गहरा गड्ढा खोदने का प्लान किया, जिसे धरती की आंतरिक संरचना के बारे में पता लगाया जा सके। 

इसके लिए उन्होंने रूस में एक गहरा गड्ढा खोद दिया, जिसे कोला सुपर डीप बोरवेल नाम दिया गया। यह पृथ्वी पर सबसे गहरा आर्टिफिशियल प्वॉइंट है जो 40 हज़ार 230 फीट यानि कि 12 प्वाइंट दो किलोमीटर गहरा है। 

इसके डायामीटर की अगर बात करें तो यह नौ इंच है। इतने गहरे गड्ढे को खोदना कोई आसान काम नहीं था इसलिए इसे खोदने में पूरे 20 साल लगे।

कुछ लोगों का मानना है कि यह गड्ढा इतना गहरा है जिसमें 240 फीट के 167 कुतुब मीनार समा जाएं।

बताते हैं कि इस गड्ढे को खोदने के बाद तापमान 300 डिग्री सेल्सियस के ऊपर जाने लगा था और इतनी गहराई में खुदाई के सारे उपकरण भी पिघलने लगे थे।

मशीनों ने काम करना बंद कर दिया था। कल्पना कीजिए, अगर हमें पृथ्वी के आरपार कोई गड्ढा खोदना हो या देखना हो तो हमें पृथ्वी की सभी लेयर से गुजरना ही पड़ेगा। तो चलिए पृथ्वी की तीनों परतों को एक एक करके समझते हैं।

पृथ्वी की परत क्रस्ट (Crust)

सबसे पहले हम क्रस्ट की बात करते हैं। पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत को क्रस्ट कहते हैं क्रस्ट यानि जिसपर हम खड़े हैं।

बड़ी बड़ी बिल्डिंग क्रस्ट पर खड़ी होती हैं और यह क्रस्ट शून्य से लेकर 35 किलोमीटर अंदर तक है यानि पूरा क्रस्ट 35 किलोमीटर का है। 

पृथ्वी का समुद्रीय क्रस्ट शून्य से 60 से 70 किलोमीटर अंदर तक होता है।

क्रस्ट पर 46 पॉइंट, 6% ऑक्सीजन, 27 पॉइंट, 7% सिलिकॉन, आठ पॉइंट, 1% एल्युमीनियम, 5% आयरन, तीन पॉइंट, 6% कैल्शियम, दो पॉइंट, 1% सोडियम, दो पाँच, 6% पोटेशियम और दो पॉइंट 1% मैग्नीशियम पाया जाता है। 

व्यास के हिसाब से पृथ्वी का जो क्रस्ट है वह सिर्फ 0.56% ही है और क्रस्ट का तापमान लगभग 200 डिग्री सेल्सियस से 400 डिग्री सेल्सियस तक जाता है। अभी हम मेटल परत की बात करते हैं।

पृथ्वी की परत मेटल (Mantle)

मेटल परत को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक अपर मेटल जो 35 से 700 किलोमीटर अंदर तक है यानी पूरा 665 किलोमीटर चौड़ा अपर मेटल है और दूसरा लोअर मेटल जो 700 से 2 हज़ार 850 किलोमीटर अंदर तक है। 

यानी पूरा दो हज़ार 150 किलोमीटर। इतना चौड़ा लोवर मेटल है। यानी कि पूरा जो मेटल है वह दो हज़ार 850 किलोमीटर इतना चौड़ा है।

मेटल पर 44 पॉइंट 8%, ऑक्सीजन 21 पॉइंट 5%, सिलिकॉन, 22 पॉइंट, 8% मैग्नीशियम और थोड़ी थोड़ी मात्रा में आयरन, कैल्शियम और सोडियम पाया जाता है। 

पृथ्वी के व्यास के हिसाब से पूरा मेटल 44 पॉइंट 8% है। मेटल का तापमान लगभग 200 डिग्री सेल्सियस से चार हज़ार डिग्री सेल्सियस तक जाता है। यह पूरी जो मेटल की परत है वह एक ठोस परत है। अभी हम पृथ्वी के कोर परत की बात करते हैं।

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पृथ्वी की परत कोर (Core)

कोर को दो भागों मे बात गया है जिनमे है आउटर कोर और इनर कोर तो चलिए जानते है इनके बारे मे:

⇒ पृथ्वी की परत आउटर कोर

दोस्तों कोर परत को भी दो हिस्सों में बांटा गया है। एक आउटर कोर जो 2850 किलोमीटर से 5155 किलोमीटर तक फैला हुआ है।

यानी आउटर कोर 2270 किलोमीटर चौड़ा है। यह जो आउटर कोर है, यह दरअसल लिक्विड फॉर्म में है 

पृथ्वी का आउटर कोर लोहे और निकेल से बना है और यह बेहद गरम है। इतना गर्म कि यहां का तापमान 4400 से लेकर पाँच हज़ार डिग्री सेल्सियस से भी अधिक है। यहां इतनी गर्मी होती है कि लोहा और निकेल जैसी धातुएं भी पिघल जाती हैं।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड के लिए आउटर कोर ही जिम्मेदार होता है|

⇒ पृथ्वी की परत इनर कोर

और दूसरा है इनर कोर, जो कि 5155 किलोमीटर से 6371 किलोमीटर तक फैला हुआ है। यानी कि पूरा इनर कोर का व्यास 2432 किलोमीटर है। और हां दोस्तों यह इनर कोर ठोस कोर है।

पूरा कोर यानी आउटर और इनर कोर को मिलाकर 3486 किलोमीटर त्रिज्या है यानी पूरा कोर का व्यास 6972 किलोमीटर है। 

यानी पृथ्वी का कोर हमारे चंद्रमा से दुगना है और पृथ्वी के पूरे हिस्से में 54 पॉइंट 8% कोर है। कोर में आयरन, निकिल, सिलिकॉन, ऑक्सीजन और सल्फर पाया जाता है। 

पर वैज्ञानिकों ने अभी तक ठीक से पता नहीं कर पाया कि कोर में कितने प्रतिशत यह द्रव्यमान उपलब्ध है। 

पृथ्वी का इनर कोर एक ऐसी लेयर है जो पृथ्वी का सबसे गहरा और गर्म हिस्सा है। आपको बता दें कि इनर कोर ही पृथ्वी का केंद्र है। 

रिसर्च के मुताबिक यह मुख्य रूप से एक सॉलिड बॉल की तरह है। यह आंतरिक हिस्सा इतनी गहराई में है कि हर समय काफी दबाव में रहता है।

प्रेशर इतना होता है कि काफी गर्मी होने के बावजूद भी वह ठोस रहता है। आंतरिक कोर पृथ्वी का सबसे हॉटेस्ट पार्ट है, जिसका टेम्परेचर पाँच हज़ार डिग्री सेल्सियस से भी पार चला जाता है। 

अनुमान के हिसाब से यह सूर्य की सतह के जितना गर्म है। सूर्य का सरफेस टेम्परेचर 55 पाँच डिग्री सेल्सियस है। ऐसे में पृथ्वी के कोर तक पहुंचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।

लेकिन अगर फिर भी इंसान किसी तरह यहां तक पहुंच गया तो भी उसका बचना मुश्किल है। जो जलकर राख हो जाएगा और उसकी किसी को खबर तक नहीं होगी।

तो दोस्तों ये था आपके प्रश्न पृथ्वी की संरचना में पृथ्वी की परतें क्या है? का उत्तर उम्मीद है अपको यह जानकारी पसंद आई होगी|

में हु Shubham में एक Geologist और SEO स्पेशलिस्ट हु दोस्तों Gyan Ki Baatein में हमारे और भी ब्लॉग्स है जिसमे हमने बोहोत संशोधन करके  जानकारी दी है आप उसे भी पढे हमारा ब्लॉग पढ़ने के लिए धन्यवाद|

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