जानिये रहस्यमयी पृथ्वी के 5 महासागर के नाम!

पृथ्वी पर समुद्र कैसे बना?

पृथ्वी पर समुद्र का निर्माण एक लंबी और जटिल प्रक्रिया थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के निर्माण के दौरान, धरती के चारों ओर गैस के बादल फैले हुए थे।

जैसे-जैसे पृथ्वी ठंडी होती गई, ये बादल संघनित होकर पानी की बूंदों में बदल गए। इन बूंदों से लगातार वर्षा होती रही, और इस वर्षा से पृथ्वी की सतह पर विशाल गड्ढे बन गए। इन गड्ढों में पानी भर गया, और यही गड्ढे बाद में समुद्र बन गए।

समुद्र के जन्म के समय, पृथ्वी की सतह बहुत गर्म थी। इसलिए, वर्षा से गिरने वाला पानी उबलकर भाप बन जाता था और वायुमंडल में चला जाता था। लेकिन जैसे-जैसे पृथ्वी ठंडी होती गई, पानी भाप बनने से बचने लगा। इस तरह, समुद्र में पानी का स्तर लगातार बढ़ता गया।

आज, पृथ्वी की सतह का लगभग 71% हिस्सा समुद्र से ढका हुआ है। पृथ्वी का सबसे बड़ा प्रशांत महासागर है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 16,52,40,000 वर्ग किलोमीटर है।

समुद्र की गहराई

समुद्र की गहराई अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होती है। सबसे गहरा समुद्र का हिस्सा मेरियाना ट्रेंच में है, जिसकी गहराई लगभग 11,034 मीटर (36,201 फीट) है। समुद्र की औसत गहराई लगभग 3,795 मीटर (12,438 फीट) है।

समुद्र का महत्व

समुद्र पृथ्वी पर जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वे पृथ्वी के जल चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और वे मौसम और जलवायु को प्रभावित करते हैं। समुद्र में कई प्रकार के जीव-जंतु रहते हैं, और वे मनुष्यों के लिए भोजन, ऊर्जा और अन्य संसाधनों का स्रोत हैं।

पृथ्वी की सतह का लगभग 71% हिस्सा पानी से ढका हुआ है। इस पानी को जलमंडल कहा जाता है। जलमंडल के कारण ही पृथ्वी को नीला ग्रह कहा जाता है। पृथ्वी पर पाँच महासागर मौजूद हैं:

5 महासागर के नाम

  1. प्रशांत महासागर

  2. अटलांटिक महासागर

  3. हिंद महासागर

  4. अंटार्कटिक महासागर

  5. आर्कटिक महासागर

आज हम आपको बताने जा रहे है दुनिया के पाँच महासागरों के बारे में

1. प्रशांत महासागर

प्रशांत महासागर यानी पैसिफिक ओशियन। ये दुनिया का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है। पृथ्वी का 30% हिस्सा ईस ने घेरा हुआ है। इसका कुल क्षेत्रफल 16,52,00,050 हज़ार वर्ग किलोमीटर है। 

यह अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया महाद्वीपों की सीमाओं को छूता है। प्रशांत महासागर को 1521 में पुर्तगाली खोजकर्ता फर्डिनेंड गेलन ने खोजा था। इस में 25,000 से ज्यादा टापू मौजूद है और धरती की सबसे गहरी जगह मरीना ट्रेंच भी प्रशांत महासागर में ही मौजूद है। 

ईसकी औसतन गहराई 14 हज़ार 40 फीट है और अधिकतम गहराई 35 हज़ार 797 फीट है। ईसकी की आकृति त्रिभुजाकार की है। एक अध्ययन में पाया गया है कि प्रशांत महासागर सबसे प्रदूषित है। ईस में प्लास्टिक के लगभग दो ट्रिलियन टुकड़े हैं।

2. अटलांटिक महासागर

अंध महासागर यानी अटलांटिक महासागर जिसे हिन्दी में अंध महासागर कहते है। यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महासागर है। कहा जाता है कि सभी महासागरों में से सबसे खारा पानी अंध महासागर का ही है। इस का कुल क्षेत्रफल 10,64,60,000 वर्ग किलोमीटर है। 

अटलांटिक महासागर सभी महासागरों में से सबसे पुराना है जो कि डायनासौर के समय से है। इस में आज भी ऐसी कई चीज दबी हुई है जो खोजकर्ता के लिए एक दिलचस्प विषय है। अटलांटिक महासागर पहला महासागर है जिसे हवाई जहाज और समुद्री जहाज से पार किया गया था।

अटलांटिक महासागर में कई छिपी हुई बर्फीले चट्टानें है। इतना ही नहीं दुनिया की सबसे रहस्मयी जगह बरमूडा ट्रायंगल भी में मौजूद है। इस की अधिकतम गहराई लगभग आठ हज़ार 376 मीटर है।

3. हिन्द महासागर

हिन्द महासागर यानी इंडियन ओशियन इंडियन ओशियन। जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि इस महासागर का नाम अपने देश इंडिया के नाम पर रखा गया है। इस महासागर को हिन्दी में हिन्द महासागर कहते है क्योंकि यह हिन्दुस्तान की सीमाओं को छूता है। 

यह इकलौता महासागर है जिसका नाम किसी देश पर रखा गया है। यह दुनिया का तीसरा सबसे विशाल महासागर है जिसका क्षेत्रफल 7,05,00,060 हज़ार वर्ग किलोमीटर है। पर मौजूद पानी में से 20% पानी हिन्द महासागर में ही है। हिन्द महासागर विदेशी पौधे और समुद्री जानवरों के लिए भी काफी समृद्ध है। 

आठवीं शताब्दी से ही हिन्द महासागर व्यापारियों के लिए एक देश से दूसरे देश में व्यापार करने का एक बड़ा जरिया रहा। भारत की कई बड़ी नदियां जैसे कि गंगा, ब्रह्मपुत्रा, कृष्णा, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी आदि नदियां आखिर में आकर हिन्द महासागर में ही विलीन हो जाती है।

4. अंटार्कटिक महासागर

दक्षिण ध्रुवीय महासागर यानी अंटार्कटिक महासागर यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा महासागर है। इसका कुल क्षेत्रफल 1,42,00,000 वर्ग किलोमीटर है। यह महासागर साउथ पोल के पास स्थित है, इसलिए इसे दक्षिण ध्रुवीय महासागर कहा जाता है।

सर्दियों के समय में इस के अधिकतर हिस्सों में बर्फ जम जाती है। पेंगुइन की सबसे ज्यादा प्रजातियां अंटार्कटिका द्वीप पर ही पाई जाती हैं। यह द्वीप दक्षिण ध्रुवीय महासागर से लगा हुआ है।

पृथ्वी के दक्षिण ध्रुव के पास स्थित होने से इस का तापमान में एकाएक बदलाव होते रहते है जिससे कि खोजकर्ताओं को इसके मौसम की स्थिति भांप पाना काफी मुश्किल हो जाता है। दक्षिण ध्रुवीय महासागर को ऑस्ट्रेलिया महासागर भी कहा जाता है। यह पृथ्वी की सतह का केवल 6% ही कवर करता है।

5. आर्कटिक महासागर

उत्तर ध्रुवीय महासागर यानि आर्कटिक  महासागर। उत्तर ध्रुवीय महासागर दुनिया का सबसे छोटा महासागर है। इसका कुल क्षेत्रफल 1,40,00,056 हज़ार वर्ग किलोमीटर है। यह महासागर अमरीका, आइसलैंड, ग्रीनलैंड, नॉर्वे, कैनेडा और रशिया जैसे देशों की सीमाओं को छूता है। 

यह महासागर पृथ्वी के नॉर्थ पोल पर स्थित है। इसलिए इस  के अधिकतर हिस्सों में बर्फ के ग्लेशियर देखने को मिलते हैं। यही वजह है कि यह सभी महासागरों में से सबसे ठंडा महासागर है। यह महासागर इतना ठंडा होने के कारण इस में जीव जंतु बहुत कम ही पाए जाते हैं। 

सभी महासागरों में से सबसे कम खारा पानी इसी में पाया जाता है। दो हज़ार 12 में कनाडा, अमरीका, रशिया, डेनमार्क और नॉर्वे सहित पांच देशों ने मछली पकड़ने पर 16 साल के प्रतिबंध पर सहमति व्यक्त की ताकि जल की पारिस्थितिक प्रणाली का अध्ययन किया जा सके। 

निष्कर्ष

पृथ्वी पर पांच महासागर हैं: प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, आर्कटिक महासागर और दक्षिणी महासागर। ये महासागर पृथ्वी की सतह के लगभग 71% हिस्से को कवर करते हैं, और वे हमारे ग्रह के लिए महत्वपूर्ण पारिस्थितिक और आर्थिक महत्व के हैं।

प्रशांत महासागर दुनिया का सबसे बड़ा महासागर है, और इसमें दुनिया के कुल द्वीपों का लगभग आधा हिस्सा है। अटलांटिक महासागर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महासागर है, और यह यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिण अमेरिका के बीच स्थित है।

हिंद महासागर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है, और यह एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच स्थित है। आर्कटिक महासागर दुनिया का सबसे छोटा महासागर है, और यह उत्तरी ध्रुव के आसपास स्थित है। दक्षिणी महासागर दुनिया का सबसे नया महासागर है, और यह अंटार्कटिका के चारों ओर स्थित है।

महासागर पृथ्वी के जल चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे वर्षा, वाष्पीकरण और जल प्रवाह को नियंत्रित करते हैं। महासागर पृथ्वी के वायुमंडल को भी प्रभावित करते हैं। वे कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं, जो जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद करता है।

महासागर पृथ्वी के जैव विविधता के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। वे कई प्रकार के जलीय जीवन का घर हैं, जिनमें मछली, समुद्री स्तनधारी, समुद्री पक्षी और समुद्री वनस्पतियाँ शामिल हैं। महासागर मानव आबादी के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। वे भोजन, ऊर्जा और संसाधनों का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।

महासागर पृथ्वी के लिए एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण संसाधन हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम इन महासागरों की रक्षा करें और उनका सम्मान करें।

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