प्रशांत महासागर | Prashant Mahasagar
हमारे ब्रह्मांड का फैलाव इतना अनंत है कि यहां जब भी किसी चीज की खोज होती है तो हर बार कुछ हमें नया मिलता है। लेकिन इसके अलावा हमारे पृथ्वी में भी कई ऐसी जगह हैं जो कि असीम हैं।
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Toggleसमुन्द्र एक ऐसी जगह है जिसके बारे में जितना खोज किया जाए कम है। इसकी गहराई में कई ऐसी राज छिपे हैं जिनकी अभी तक खोज नहीं हो पाई है।
आज हम जानने की कोशिश करेंगे कि समुंद्र कितना गहरा है और यह कितना बड़ा है समुन्द्र का जन्म। दोस्तो आखिरकार समुंद्र का जन्म हुआ कैसे? यह भी एक बहुत बड़ी सवाल है और आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा।
भू वैज्ञानिकों की माने तो समुद्र का जन्म धरती की सतह में स्थित पानी से भरा विशाल गड्ढ़े से हुआ है। दोस्तों इसको समझने के लिए मैं करोड़ो वर्ष पीछे जाना पड़ेगा।
दोस्तो जरा असल हुआ जब पृथ्वी का निर्माण हो रहा था तब हमारी पृथ्वी आग के गोले के रूप में अंतरिक्ष में तैर रही थी और जैसे जैसे पृथ्वी धीरे धीरे ठंडी होने लगी तो उसके चारों तरफ गैस के बादल फैल गए और ठंडी होने पर यह बादल काफी भारी हो गया और इनसे लगातार कई वर्षो तक मूसलाधार बारिश होने लगी।
हालाकि पृथ्वी का सतह उस टाइम गर्म हुआ करता था इसलिए उस वक्त जो भी पानी बरसता वह फिर से भाप बनकर ऊपर उड़ जाता और वायुमंडल में बादल बनकर फिर से बरसने लगता था।
दोस्तो, लाखों वर्षों तक यह प्रक्रिया चलता रहा। जब पृथ्वी पूरी तरह से ठंडी हो गई तब इसमें पढ़ने वाला पानी उबल नहीं पाता था।
लेकिन बारिश होने का यह सिलसिला जारी रहा। दोस्तो, पृथ्वी के निचले हिस्से में यह पानी भर चुका था।
पानी से भरी धरती की सतह का यह विशाल गड्ढा ही बाद में समुन्द्र कहलाया। आज भी हमारी धरती की सतह पर कई महासागर मौजूद है।
दोस्तो, हमारी पृथ्वी में लगभग सब वन परसन हिस्सा पानी से ढका हुआ है और महासागर की अगर बात करें तो उनमें पृथ्वी की सारी पानी का लगभग 96 पॉइंट फाइव परसेंट हिस्सा है।
यानि की पृथ्वी पर लगभग 76,70,14,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यह पूरा समुन्द्र फैला हुआ है। आप इसे इस तरीके से भी समझ सकते हैं।
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हमारे पृथ्वी पर 1/3 हिस्सा में पानी है जिसे जलमंडल कहा जाता है और इसी जलमंडल के कारण हमारे पृथ्वी नीला ग्रह दिखाई देती है जिस वजह से हमारे ग्रह को ब्लू प्लानेट भी कहा जाता है।
हमारे पृथ्वी पर पाँच महासागर मौजूद है जिनका नाम प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, दक्षिणी महासागर, आर्कटिक महासागर एवं हिन्द महासागर है जिनमें से प्रशांत महासागर सबसे बड़ी महासागर मानी जाती है।
⇒ प्रशांत महासागर का क्षेत्रफल
प्रशांत महासागर को लैटिन में पीसफुल कहा जाता है यानि की शांत महासागर। दुनिया का सबसे विशाल महासागर प्रशांत महासागर का क्षेत्रफल 16,52,00,046 हज़ार 200 वर्ग किलोमीटर है।
जोकि पूरी पृथ्वी का एक तिहाई हिस्सा में फैला हुआ है। और अगर इसकी चौड़ाई की बात की जाए तो यह फिलीपीन्स के तट से लेकर पनामा तक नौ हज़ार 544 मील चौड़ा है।
⇒ प्रशांत महासागर की गहराई कितनी है
प्रशांत महासागर (Prashant Mahasagar) पूरे विश्व के महासागरों का 45 पर्सेंट है। इसके अलावा यह दुनिया का सबसे गहरा महासागर भी माना जाता है।
इसका मेन डेप्थ चार हज़ार 280 मीटर है जबकि इसका मैक्सिमम डे 10 हज़ार 911 मीटर है। अकेले प्रशांत महासागर (Prahsnat Mahasagar) में ही तकरीबन 21 हज़ार से भी ज्यादा द्वीप है।
⇒ प्रशांत महासागर की सीमा
प्रशांत महासागर की सीमा कनाडा, अमरीका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और चीन सहित कुल 55 देश मौजूद है।
इसकी गहराई इतना ज्यादा है कि इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि धरती की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट भी अगर इस महासागर में समा जाए तो यह तकरीबन एक मील तक पानी में डूबा रहेगा।
⇒ प्रशांत महासागर का सबसे गहरा स्थान
प्रशांत महासागर का सबसे गहरा स्थान मरीना ट्रेंच है जो कि प्रशांत महासागर का सबसे गहरा गर्त माना जाता है। इसकी गहराई 11 हज़ार 34 मीटर मापी गई है वह भी केवल एक ही बार मापी गई है।
इसके बाद आज तक इसे दोहराने की कोशिश नहीं की गई है। इस समुद्र की गहराई में असंख्य जीव जंतु पाए जाते हैं।
जिनमें से ज्यादातर जीव जंतु के बारे में आज भी हम मनुष्य से अनजान हैं। तो दोस्तों आशा करता हूं कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी।
⇒ प्रशांत महासागर के द्वीप
प्रशांत महासागर के कुछ सबसे प्रसिद्ध द्वीपों में शामिल हैं:
हवाई द्वीप:
यह द्वीप संयुक्त राज्य अमेरिका का एक राज्य है, और यह अपनी सुंदरता और संस्कृति के लिए जाना जाता है।
ताहिती:
यह द्वीप फ्रांस का एक उपनिवेश है, और यह अपने समुद्र तटों, पर्वतों और नदियों के लिए जाना जाता है।
समोआ:
यह द्वीप राष्ट्र अपने पारंपरिक संस्कृति और स्वादिष्ट भोजन के लिए जाना जाता है।
फ़िजी:
यह द्वीप राष्ट्र अपने उष्णकटिबंधीय वनस्पतियों और जीवों के लिए जाना जाता है।
प्रशांत महासागर के द्वीपों की आबादी बहुत विविध है। इन द्वीपों पर कई अलग-अलग संस्कृतियां और भाषाएं बोली जाती हैं। प्रशांत महासागर के द्वीपों के लोग अपने पारंपरिक जीवनशैली और संस्कृति के लिए जाने जाते हैं।
प्रशांत महासागर के द्वीपों का आर्थिक महत्व भी बहुत अधिक है। इन द्वीपों पर पर्यटन, मछली पकड़ना और कृषि जैसे कई उद्योग महत्वपूर्ण हैं। प्रशांत महासागर के द्वीपों की अर्थव्यवस्थाएं अक्सर पर्यटन पर निर्भर होती हैं।
⇒ प्रशांत महासागर का सबसे बड़ा द्वीप
प्रशांत महासागर का सबसे बड़ा द्वीप न्यू गिनी है। यह द्वीप ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में स्थित है, और यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा द्वीप है। न्यू गिनी का क्षेत्रफल 785,753 वर्ग किलोमीटर है, और इसकी आबादी लगभग 8 मिलियन है।
न्यू गिनी एक विविध द्वीप है, और इसमें कई अलग-अलग संस्कृतियां और भाषाएं बोली जाती हैं। द्वीप का उत्तरी भाग इंडोनेशियाई नियंत्रण में है, जबकि दक्षिणी भाग स्वतंत्र देश पापुआ न्यू गिनी का हिस्सा है।
न्यू गिनी एक खूबसूरत द्वीप है, और इसमें कई उष्णकटिबंधीय वन, पर्वत और समुद्र तट हैं। द्वीप पर कई वन्यजीव भी पाए जाते हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलियाई कंगारू, टस्मानियन डेविल और न्यू गिनी गिब्बन शामिल हैं।
न्यू गिनी एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र भी है। द्वीप पर खनिज संसाधनों का प्रचुर भंडार है, और इसमें कृषि और पर्यटन भी महत्वपूर्ण उद्योग हैं।
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दोस्तों में हु Shubham Ghulaxe। में एक Geologist हु। और Science से जुड़े ऐसे ही जानकारी में आपके लिए Gyan Ki Baatein में देता हु| अपना कीमती वक्त इस जानकारी को पढने के लिए आपका धन्यवाद्।