वायुमंडल किसे कहते हैं और वायुमंडल की परतें कितनी होती है?

दोस्तो आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से वायुमंडल और वायुमंडल की परतों के बारे में अच्छी तरीके से समझते हैं। तो ब्लॉग को पूरा पढे। 

वायुमंडल किसे कहते हैं?

सबसे पहले हम जानते हैं कि वायुमंडल किसे कहते हैं। पृथ्वी के चारों ओर सैकड़ों किलोमीटर की मोटाई में लिपटी हुई गैसीय आवरण या वायु आवरण को वायुमंडल कहते हैं। 

वायुमंडल मे गैसस की बात करे तो वायु में नाइट्रोजन 78%, ऑक्सीजन 21%, आर्गन 0.93%, कार्बन डाई ऑक्साइड 0.03% तथा हाइड्रोजन, हीलियम, ओज़ोन, निऑन, जेनान, आदि अल्प मात्रा में उपस्थित रहती हैं।

वायुमंडल में गैसों की मात्रा

वायुमंडल में गैसों की मात्रा की बात करें तो वायुमंडल में:

⇒ ऑक्सीजन – 20.95%, 

⇒ नाइट्रोजन  – 78.09%, 

⇒ आयरन – 0.93%, 

⇒ कार्बन डाइऑक्साइड – 0.03% 

⇒ हाइड्रोजन – 0.001

⇒ निऑन – 0.0018

⇒ क्रिप्टन – 0.0001

⇒ हीलियम – 0.001

⇒ ज़ेनान – 0.000008

⇒ ओज़ोन – 0.000001

⇒ मीथेन  – अल्प मात्रा

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वायुमंडल की परतें कितनी होती है?

वायुमंडल की परतें कितनी होती है?

अभी हम वायुमंडल की परतें कितनी होती है यह जानेंगे लेकिन ईससे पहले हम उस वायुमंडल की 5 परतों के नाम जानते हैं। 

वायुमंडल की 5 परतें होती है सबसे पहले आता है:

1. क्षोभमंडल (TROPOSPHERE)

2. समतापमण्डल (stratosphere)

3. मध्य मंडल  (Mesosphere)

4. ताप मंडल  (Thermosphere)

5. बाह्यमण्डल (Exosphere)

अभी हम इन सभी परतों के बारे में एक एक करके समझते हैं।

1. क्षोभमंडल (TROPOSPHERE)

क्षोभमंडल (TROPOSPHERE)

सबसे पहले हम जानते हैं क्षोभमंडल के बारे में क्षोभमंडल पृथ्वी के वायुमंडल की परतें का सबसे निचला हिस्सा है।

यह पृथ्वी की वायु का सबसे घना भाग है और पूरे वायुमंडल के द्रव्यमान का 80% हिस्सा इसमें मौजूद है। इस परत में जलकण, धूलकण और सभी मौसम में घटना इसी क्षोभमंडल में होती है। 

क्षोभमंडल की ऊंचाई धरती से 20 किलोमीटर तक होती है यानि 0 से 20 किलोमीटर। क्षोभमंडल में ही हवाई जहाज और पंछी उड़ते हैं।

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2. समतापमण्डल (stratosphere)

अभी हम जानते हैं समतापमण्डल के बारे में। समतापमण्डल पृथ्वी के वायुमंडल की परतें का दूसरा हिस्सा है। समतापमण्डल की ऊंचाई क्षोभमंडल से यानी 20 से 50 किलोमीटर तक होती है। 

समतापमण्डल में जेट वायुयान उड़ाने भारता है।  समताप मंडल के निचले भाग में एक और परत होती है। उसे ओजोन परत कहते हैं। 

ओजोन यह एक गैस होती है जो सूरज की हानिकारक किरणों को सोख लेती है और भूमि तक पहुंचने नहीं देती तथा पृथ्वी को अधिक गरम होने से बचाती है।

3. मध्य मंडल (Mesosphere)

अभी हम जानते हैं मध्य मंडल के बारे में। मध्य मंडल पृथ्वी के वायुमंडल की परतें का तीसरा हिस्सा है। मध्य मंडल की ऊंचाई समतापमंडल से यानी 50 से 80 किलोमीटर तक होती है। 

इस परत की खासियत यह है कि अंतरिक्ष उल्कापिंड पृथ्वी की तरफ जो गिरते हैं, उस उल्कापिंड को पृथ्वी पर गिरने से पहले ही पूरी तरह जला देती है। यानी मध्य मंडल परत हमें उल्का पिंड के गिरने से बचाती है।

4. तापमंडल (Thermosphere)

अभी हम ताप मंडल के बारे में जानते हैं। ताप मंडल पृथ्वी के वायुमंडल की परतें का चौथा हिस्सा है। ताप मंडल की ऊंचाई मध्य मंडल से यानी 80 से 640 किलोमीटर तक होती है।

ताप मंडल को आयनमंडल भी कहा जाता है। ताप मंडल तक सैटेलाइट छोड़े जाते हैं, जो विद्युत कणों और रेडियो तरंगों को भूपुष्ट पर परिवर्तन करते हैं। इसी कारण फोन पर बात करना और गूगल पर मैप ढूंढना संभव होता है।

5. बाह्यमण्डल (Exosphere)

अभी हम जानते हैं बाह्यमण्डल के बारे में। बाह्यमण्डल पृथ्वी के वायुमंडल की परतें का पांचवां और आखिरी हिस्सा है। वायुमंडल की ऊंचाई तापमंडल से यानी 640 से 1000 किलोमीटर तक होती है। 

बाह्यमण्डल पूरी तरीके से अंधेरामय होता है और इस मंडल में ज्यादातर हीलियम और हाइड्रोजन गैसों की अधिकता होती है।

कौनसी परत वायुमंडल की सबसे महत्वपूर्ण परत है?

वायुमंडल की सबसे महत्वपूर्ण परत

समतापमंडल के निचले भाग में एक और परत होती है। उसे ओजोन परत कहते हैं। वायुमंडल की सबसे महत्वपूर्ण परत है ओजोन यह एक गैस के रूप मे होती है।

जो सूरज की हानिकारक किरणों को सोख लेती है और भूमि तक पहुंचने नहीं देती तथा पृथ्वी को अधिक गरम होने से बचाती है।

वायुमंडल कितनी ऊंचाई तक फैला हुआ है?

वायुमंडल कितनी ऊंचाई तक फैला हुआ है?

वायुमंडल वह भाग है जो हमारी पृथ्वी के ऊपर होता है और जहां हवा होती है जो हम इन्हें सांस लेने के लिए उपयोग करते हैं। यह धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ता है, लेकिन अंत में समाप्त हो जाता है।

वायुमंडल पृथ्वी की सतह से लगभग 1000 किलोमीटर (करीब 620 मील) की ऊंचाई तक फैला हुआ है, लेकिन इसमें विभिन्न वर्तमान मौसम और पर्यावरणीय तत्वों के कारण यह ऊंचाई विभिन्न स्थानों और समय पर बदलती रहती है।

वायुमंडलीय दाब किसे कहते हैं?

वायुमंडलीय दाब, जिसे वायुमंडलीय दबाव भी कहा जाता है, पृथ्वी के वायुमंडल में किसी सतह की एक इकाई पर उससे ऊपर की हवा के वजन द्वारा लगाया गया बल है। 

दूसरे तरह से कहे तो, यह वायुमंडल वहाँ प्राप्त भार के कारण पृथ्वी की सतह पर लगने वाले दाब को प्रतिपादित करता है।

यह दाब पृथ्वी के चारों ओर समान रूप से वितरित नहीं होता है। यह ऊंचाई, तापमान और हवा के घनत्व जैसे कारकों पर निर्भर करता है।

वायुमंडलीय दाब मापने का यंत्र?

वायुमंडलीय दाब मापने का यंत्र

वायुमंडलीय दाब मापने के लिए प्रयुक्त यंत्र को ‘बारोमीटर’ कहा जाता है। यह यंत्र वायुमंडलीय दाब को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।

बारोमीटर दाब को वायुमंडल में मापता है और उसे प्रारूपित या अनुमानित करता है। इसमें आमतौर पर दो प्रकार के बारोमीटर होते हैं:

1. मरक्युरी बारोमीटर 

2. अनेरोयड बारोमीटर

यह यंत्र आकाशीय दाब का मापन करने में मदद करता है, जो मौसम, हवा, और अन्य परिस्थितियों को विश्लेषित करने में महत्वपूर्ण होता है।

वायुमंडल से आप क्या समझते हैं

वायुमंडल एक महत्वपूर्ण वातावरण का क्षेत्र है जो हमारी पृथ्वी के ऊपरी सतह पर स्थित है। यह वायुमंडल हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें हमारे लिए जीवन संभालने के लिए आवश्यक गैसों का संग्रहण होता है, जैसे कि ऑक्सीजन। 

वायुमंडल एक विशाल रेखा होती है जो पृथ्वी को आवरित करती है और उसे संरक्षित रखती है। इसके अलावा, वायुमंडल द्वारा सूर्य की विकिरण की बुरी विक्रिया को रोका जाता है, जो हमें हानिकारक अल्बेडो रेडिएशन से बचाता है। 

वायुमंडल द्वारा तापमान, आधुनिक मौसम और जलवायु प्रणालियों को समझने में मदद मिलती है। इसलिए, वायुमंडल हमारे प्राकृतिक और वातावरणीय जीवन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

दोस्तों उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी यदि पसंद आई तो हमे कमेन्ट करके जरूर बताए दोस्तों मेरा नाम है Shubham और मैं एक Geologist हु।

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