ग्रीनलैंड से जुड़े रहस्यों का पर्दाफाश! बर्फ की चादर हर घंटे घट रही है!

ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर जिस तेजी से घट रही है, उसमें छुपे अनसुने राज़ों का पर्दाफाश! जानिए उस बर्फीले स्वर्ग के खोज में कैसे हो रहा है रहस्यों का खुलासा, जो आपको हैरान कर देगा!

हैल्लो दोस्तों, आज हम आपको एक ऐसी देश की यात्रा पर लेकर जा रहे हैं जहाँ पर रात न के बराबर होती है। एक ऐसा देश जहाँ मिलती है दुनिया की सबसे ज्यादा वैरायटी की मछलियाँ। इस देश का हवा और पानी दुनिया में सबसे शुद्ध माना जाता है और ये देश है दुनिया का सबसे बड़ा आयलैंड। 

एक ऐसा देश जहाँ आपको एक भी पेड़ देखने को नहीं मिलेंगे क्योंकि देश के एक परसेंट हिस्से में बर्फ ही बर्फ है। इस देश को कभी दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका ने खरीदने की कोशिश की थी। 

दुनिया का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है यहाँ। दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं यूरोप के एक बहुत ही खुबसूरत देश ग्रीनलैंड की। सबसे पहले आपको बता दूँ कि ग्रीनलैंड दुनिया का सबसे बड़ा आइलैंड है। क्या आपको पता है कि इस देश के नाम का मतलब क्या होता है? 

ग्रीनलैंड का मतलब होता है लैंड ऑफ पीपल। लेकिन यहां की कुल आबादी है मात्र 57,000 के आसपास। ग्रीनलैंड की कुल आबादी में से 87% लोग शहर में रहते हैं तो वहीं सिर्फ 13% लोग ही गांव में बसे हुए हैं। 

आपको लग रहा होगा कि ग्रीनलैंड नाम है तो यहां पर बहुत हरियाली देखने को मिलेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। ग्रीनलैंड में आप जिधर भी नजर डालोगे उधर आपको सिर्फ और सिर्फ बर्फ दिखाई देगी। ग्रीनलैंड की राजधानी नुउक है, जहां देश की आबादी के कुल एक तिहाई लोग रहते हैं। 

मतलब 56000 की आबादी वाले देश में 17,000 से ज्यादा लोग इस शहर में रहते हैं। बाकी के शहरों में गिने चुने लोग ही नजर आते हैं। यहां पर ग्रीनलैंड यूनिवर्सिटी, आर्ट म्यूजियम, स्पोर्ट्स स्टेडियम, कल्चरल सेंटर और इंटरनेशनल एयरपोर्ट मौजूद हैं।

ग्रीनलैंड के लोग कैसे हैं?

ग्रीनलैंड में लोगों की संख्या बेशक कम है, लेकिन इस देश के लोग बहुत ही क्रिएटिव माने जाते हैं। लोगों की क्रिएटिविटी वाकई में देखने लायक होती है। यहां के हर घर की दीवार पर एक से बढ़कर एक पेंटिंग दिखती हैं। 

लोग यहां बर्फ को काट काटकर अलग अलग शेप में चीज बनाते हैं। ये देश वैसे तो स्थिति के हिसाब से नॉर्थ अमेरिका में आता है, लेकिन यहां नियम कानून से लेकर लोगों का रहन सहन का तरीका यूरोपियन है।

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ग्रीनलैंड पर किसका अधिकार है?

1979 में डेनमार्क ने ग्रीनलैंड को अपने नियम कानून बनाने की अनुमति दे दी। जबकि दो हज़ार 8 में ग्रीनलैंड के लोगों ने अपनी सरकार के लिए वोटिंग किया। जिसके बाद से यहां की सत्ता का अधिकार ग्रीनलैंड के पार्लियामेंट को चला गया। हालांकि अभी भी इस देश में डेनमार्क का इंटरफेरेंस है। 

आपको जानकर हैरानी होगी कि सेकंड वर्ल्ड वॉर के तुरंत बाद अमेरिका ने इस आईलैंड को डेनमार्क से खरीदना चाहा था। लेकिन बाद में अमेरिका को लगा कि सौदा कहीं नुकसान का ना हो जाए और इसीलिए उसने हाथ खींच लिए।

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ग्रीनलैंड में लोग कैसे जीवन जीते हैं?

ग्रीनलैंड में किसी के लिए भी सर्वाइव करना आसान काम नहीं। इसका कारण यह है कि बर्फीले होने की वजह से यहां पर कुछ भी करने को नहीं है। ऐसे में जानते हैं ये लोग कैसे अपने जीवन जीते हैं। दरअसल, फिशिंग देश का मुख्य कारोबार है। ये लोग बड़े लेवल पर मछली पकड़ते हैं और उसके बाद बेचते हैं। 

अपने लिए भी खाने के तौर पर रखते हैं और दूसरे देशों में भी थोड़ा बहुत निर्यात करते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस देश में कुल 225 तरह की मछलियां पाई जाती हैं। जी हां, 225 जोकि दुनिया में सबसे ज्यादा अलग किस्म की मछली पाए जाने वाले देशों की सूची में शामिल हैं। 

कई मछलियां तो ऐसी भी होती हैं जो कि बर्फ में भी तैरती हैं। बाकी इस देश के लोगों का खर्चा डेनमार्क की सरकार उठाती है। क्या आप जानते हैं कि ग्रीनलैंड दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां की पूरी आबादी नॉन वेजिटेरियन है। 

जी हां, यहां बर्फ की वजह से कोई खेत तो है नहीं कि लोग अनाज पैदा करेंगे। इसीलिए सभी लोग मांस और मछली पर ही पूरी तरह से निर्भर हैं और साथ ही साथ यहां के लोग जमकर वाइन पीते हैं। 

वाइन पीना लोगों की शौक भी है और मजबूरी भी। हद से ज्यादा ठंड होने के कारण लोगों को अपने शरीर को गर्म रखने के लिए वाइन पीना पड़ता है।

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ग्रीनलैंड का तापमान कितना है?

क्या आप यकीन कर सकते हैं कि ग्रीनलैंड देश का औसतन तापमान -6 डिग्री सेल्सियस है। आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि जब यहां गर्मी का मौसम होता है, उस समय भी तापमान ज्यादा से ज्यादा 4 डिग्री तक जाता है। 

हमारे देश में जब तापमान 4 डिग्री का होता है तो हमें लगता है कि भाई अब तो ठंड से मर ही जाएंगे, लेकिन ग्रीनलैंड में इसे गर्मी का मौसम माना जाता है। वहां के लोग इस मौसम के साथ अपने आप को एडजस्ट कर चुके हैं। 

जैसा कि आप जानते हैं कि सर्दियों के मौसम में यहां भयानक ठंड होती है, लेकिन जब धूप निकलती है तो यह देश किसी जन्नत से कम नहीं लगता। जी हां, आसमान से अलग अलग किस्म की रोशनी नजर आती है और नीचे बिल्कुल बारीकी से पड़ा रहता है, जिस वजह से सब कुछ सफेद होता है। 

तभी कहा जाता है कि अगर मौसम खिला हुआ हो तो ग्रीनलैंड गॉड लैंड बन जाता है। इसका नजारा सच में बेहद खूबसूरत है। दोस्तों ग्रीनलैंड दुनिया का वो देश है जहां सूरज दो महीने तक डूबता ही नहीं। 

जी हां, अगर आप रात के 12:00 बजे भी देखेंगे तो आपको वैसे ही चमचमाती हुई धूप दिखाई देगी। 21 जून को जोकि दुनिया का सबसे लंबा दिन माना जाता है। इस दिन यहां नेशनल हॉलीडे होती है। यहां बाहर देश से जो लोग आते हैं उनको बड़ी दिक्कत होती है। 

दिन रात को समझने में  25 मई से लेकर 25 जुलाई तक यहां पर सूरज नहीं डूबता है। ग्रीनलैंड दुनिया का एकमात्र देश है, जहां कोई रेल नेटवर्क नहीं है। 

इस देश में ट्रेन नाम की चीज नहीं है और होंगे भी तो कैसे? जब 90% हिस्सों में बर्फ ही बर्फ है तो ऐसे में रेल के ब्रेक लगाना तो बिल्कुल मुमकिन नहीं। 

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यहां के लोग बोट से या फिर आइस स्केटिंग की मदद से एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। यहां पर लोग भी कम हैं और जो भी हैं वो आसपास ही रहते हैं। ऐसे में रेलवे ट्रैक का कुछ खास जरूरत भी नहीं है। 

साथ ही ग्रीनलैंड दुनिया का सबसे कम पेट्रोल की खपत करने वाला देश है। इस देश में सिर्फ 30,000 कार हैं वो भी मुश्किल से ही कभी कभी चलती है। तभी तो यह देश दुनिया का सबसे कम प्रदूषण वाला देश है। 

इसीलिए यहां की हवा बहुत ही अच्छी मानी जाती है क्योंकि यहां पर प्रदूषण नहीं है। दोस्तों रिसर्च में एक चौंकाने वाली बात का पता चला है कि इस देश में जो आइस शीट है वो 4 लाख साल से 8 लाख साल पुरानी है। 

ग्रीनलैंड के बर्फ के ग्लेशियर में धीरे धीरे कमजोरी आ रही है और ये दुनिया के लिए चिंता का विषय है। अगर ग्रीनलैंड की सारी बर्फ पिघल जाए तो दुनिया में भारी मात्रा में तबाही मचेगी और समुद्र के स्तर में सात मीटर की बढ़ोतरी हो जाएगी, जो कि पूरी दुनिया के लिए खतरनाक साबित होगा। 

अगर बर्फ पिघलने लगे तो समंदर का स्तर बढ़ेगा और ऐसे में भयानक बाढ़ आने की नौबत आ सकती है। यही वजह है कि आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से परेशान है। 

17 जनवरी 2024 के एक अध्ययन में पता चला के जलवायु संकट के कारण ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर हर घंटे औसतन 30 मिलियन टन बर्फ खो रही है, एक अध्ययन में पता चला है, जो पहले के अनुमान से 20% अधिक है।

कुछ वैज्ञानिक चिंतित हैं कि उत्तरी अटलांटिक में बहने वाले ताजे पानी के इस अतिरिक्त स्रोत का मतलब यह हो सकता है कि अटलांटिक क्षेपणीय पलटने वाला परिसंचरण (अमोक) नामक महासागरीय धाराओं का गिरना शुरू होने के करीब है, जिसके मानवता के लिए गंभीर परिणाम होंगे।

दशकों से ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्रीनलैंड से बड़े पैमाने पर बर्फ का ह्रास दर्ज किया गया है। अब तक इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकें, जैसे बर्फ की चादर की ऊंचाई को मापना या गुरुत्वाकर्षण डेटा के माध्यम से उसके वजन का अनुमान लगाना, इस नुकसान को निर्धारित करने में सहायक हैं जो महासागर में समा जाता है और समुद्र के स्तर को बढ़ाता है।

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कोर्ट ऑफ आर्म्स में बियर क्यू दिखायी देता है?

ग्रीनलैंड के नेशनल सिंबल यानी कोर्ट ऑफ आर्म्स में आप को एक पोलर बियर नजर आ रहा होगा। जानते हैं क्यों? क्योंकि ये इस देश की पहचान है। यहां पर पोलर बियर बहुत ही देखने को मिलते हैं और ये बड़ा खतरनाक भी है। लेकिन ये पोलर बियर जल्दी इंसानों पर हमला नहीं करते और ना ही ये इंसानी बस्ती में आते हैं। 

साथ ही पोलर बियर यहां की नेशनल एनिमल भी है। ग्रीनलैंड की जनता कभी भी इस जानवर को अपना शिकार नहीं बनाती। वो अलग बात है कि इस जानवर का शिकार करना सबके बस की बात नहीं है। पोलर बियर दुनिया में सबसे ज्यादा इसी देश में पाए जाते हैं।

वैसे भी ये जानवर वहीं रहते हैं जहां भयानक ठंड पड़ती है। अच्छी बात ये भी है कि ये पोलर बियर भी यहां के लोगों पर न के बराबर ही हमला करते हैं। ग्रीनलैंड में 400 अलग अलग किस्म के फूल भी पाए जाते हैं जो कि बहुत ही खूबसूरत होते हैं। 

इसके अलावा अगर बात की जाए जंगली जानवरों की तो हिरन, सफेद खरगोश, आर्कटिक लोमड़ी और एयरमेन जैसे जानवर भी यहां पाए जाते हैं और साथ ही अटलांटिक मफिन, किट्टी वैक जैसे ठंडे प्रदेश के पक्षी पाए जाते हैं। 

लोग इनका शिकार करते हैं और पकाकर बड़े ही शौक से खाते हैं। ग्रीनलैंड के लोग बड़े ही रोमांटिक किस्म के होते हैं। जब धूप निकलती है तो सभी लोग अपने घरों के गार्डन में ही रोमांस करना शुरू कर देते हैं। यहां का एक फेस्टिवल भी है जिसे रोमांस डे के नाम से जाना जाता है जो कि 8 जुलाई को मनाया जाता है। 

इस दिन सभी पति पत्नी एक दूसरे को ढेर सारा प्यार देते हैं और जिंदगी भर साथ निभाने का वादा भी करते हैं। ग्रीनलैंड में दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी है। अगर आप यहां के द्वीपों की यात्रा करेंगे तो एक द्वीप को पूरा घूमने में आपको चार दिनों का समय लग जाएगा। 

इस देश में सबसे परेशानी यह है कि यहां कोई ढंग का रास्ता ही नहीं है। ऐसे में आपको बोट के भरोसे ही सफर करना पड़ेगा। ग्रीनलैंड दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है।

ग्रीनलैंड को घुमने कब जाना चाहिए?

वैसे तो आप यहां किसी भी मौसम में आ या जा सकते हैं, पर अगस्त के महीने में यहां आपको जन्नत जैसा महसूस होगा। बर्फ की चादर ओढ़े ग्रीनलैंड इन दिनों धूप में सुनहरा नजर आता है। ऊपर नीला आसमान और जमीन पर सफेद बर्फ ही बर्फ। 

यह नजारा देखने में बहुत ही ज्यादा शानदार लगता है। ग्रीनलैंड में ग्रीनलैंड नेशनल पार्क, बर्फ की घाटी, सिसी मीट का ऐतिहासिक केंद्र, सेंटा क्लॉज हाउस आदि कई ऐसी जगह हैं जहां आप घूम सकते हैं और सबसे मजेदार चीज यह है कि आप यहां के बर्फ में खूब आइस स्केटिंग भी कर सकते हैं।

और यह दुनिया का एकमात्र देश है जहां आप बर्फ के बीच में बोट राइडिंग का मजा भी ले सकते हैं। ग्रीनलैंड का ओना टॉक हॉट स्प्रिंग्स एक ऐसा अजूबा है जहां आपको हड्डी कप कंपाने वाली ठंड में भी गरम पानी की छोटी छोटी झील दिख जाएंगी। 

आप जब भी ग्रीनलैंड जाएं तो जरूर इस झील में नहाने का मजा लीजिए। इस झील का पानी इतना गर्म होता है कि आप घंटों इसमें बैठकर नहा सकते हैं। 

तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि क्या है यहां का वीजा प्रॉसेस। बता दें कि आपके पास अगर सारे डॉक्यूमेंट्स हैं तो आपको वीजा लगभग 30 दिन के अंदर मिल जाएगा। ग्रीनलैंड में घूमने के लिए 6 से 7 दिन में लगभग 1,75,000 से लेकर 2 लाख तक खर्च करने पड़ेंगे। 

ग्रीनलैंड की करंसी है डैनिश क्रौन, जिसकी वैल्यू लगभग 11 भारतीय रुपयों के बराबर है। तो दोस्तों यह था खूबसूरत बर्फीला देश ग्रीनलैंड। कैसा लगा हमें बताइए कॉमेंट्स में क्या कभी आपने विजिट की है इस देश की?

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