भारत की सबसे ज्यादा गुरुत्वाकर्षण बल वाली जगह, कॉस्मिक एनर्जी देख नासा भी चौंक गया!

धरती पर एक एसी अद्भुत जगह हैं जहाँ गुरुत्वाकर्षण बल सबसे ज़्यादा है। वैज्ञानिकों ने इन जगहों को चुंबकीय शक्ति का अत्यंत शक्तिशाली केंद्र माना है।

इनमें से एक भारत में स्थित है, जहाँ नासा को भी विशाल ब्रह्मांडीय ऊर्जा देखकर आश्चर्य हुआ था। नासा ने इसे धरती का विशाल भू-चुंबकीय पिंड बताया है।

भारत का गुरुत्वाकर्षण केंद्र: कसार देवी मंदिर

यह चुंबकीय पिंड उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित है। नासा के शोध से पता चला कि अल्मोड़ा जिले का कसार पर्वत, जहाँ कसार देवी मंदिर स्थित है, वैन एलेन बेल्ट का हिस्सा है।

आगे की खोज में वैज्ञानिक कसार पर्वत की प्रचंड ब्रह्मांडीय ऊर्जा देखकर चकित रह गए।

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विशाल भू-चुंबकीय पिंड और रहस्य:

नासा के अनुसार, कसार पर्वत में विशाल भू-चुंबकीय पिंड मौजूद हैं। यही वजह है कि इस क्षेत्र में गुरुत्वाकर्षण बल अन्य जगहों की तुलना में कहीं अधिक है।

नासा ने वैन एलेन बेल्ट के निर्माण के कारणों का पता लगाने के लिए कसार पर्वत पर गहन अध्ययन भी किया।

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समानताएं और रहस्यमयी अनुभव:

उत्तराखंड के कसार देवी मंदिर के आसपास के क्षेत्र में दक्षिण अमेरिका के माचू पिच्चू और इंग्लैंड के स्टोन हेंग जैसी समानताएं पाई जाती हैं।

इन तीनों जगहों पर असाधारण चुंबकीय शक्ति मौजूद है। कहा जाता है कि इन स्थानों पर ध्यान करने से विशेष शांति का अनुभव होता है।

स्वामी विवेकानंद का अध्ययन:

1948 में बिड़ला परिवार ने कसार देवी मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। यहाँ 1950 के दशक में निर्मित एक शिव मंदिर भी है।

कहा जाता है कि स्वामी विवेकानंद यहाँ आए थे और उन्होंने यहाँ की एकांत गुफा में गहन अध्ययन किया था। इनके अलावा, पश्चिमी देशों से भी अनेक साधक इस स्थान पर आ चुके हैं।

यह स्थान वैज्ञानिकों और आध्यात्मिक लोगों के लिए एक समान रूप से रहस्यमयी और आकर्षक स्थल है।

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नासा का शोध:

अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था (नासा) ने भी कसार देवी क्षेत्र पर गहन अध्ययन किया है।

नासा को इस क्षेत्र की प्रचंड ब्रह्मांडीय ऊर्जा देखकर आश्चर्य हुआ था। शोधकर्ताओं का मानना है कि कसार पर्वत में पाए जाने वाले विशाल भू-चुंबकीय पिंड ही इस ऊर्जा का स्रोत हैं।

नासा ने वैन एलेन बेल्ट के बनने के कारणों को जानने के लिए भी यहाँ अध्ययन किए हैं।

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