नासा का खुलासा: 2024 में धरती के करीब होगा शनि! जानिए इसे बिना दूरबीन देखने का आसान तरीका!

हमारे सौर मंडल में शनि ग्रह अपनी खूबसूरत छल्लों के लिए जाना जाता है. ये विशाल छल्ले बर्फ और चट्टानों के कणों से मिलकर बने हैं.

जो ग्रह की तीव्र गति से पैदा होने वाले गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से ग्रह के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं.

हाल ही में, नासा ने शनि के छल्लों से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियां सामने रखी हैं, आइए डालते हैं एक नज़र:

अगस्त में धरती के करीब होगा शनि

खगोल विज्ञान के शौकीनों के लिए खुशखबरी है! अगस्त 2024 में शनि ग्रह धरती के सबसे करीब होगा.

इस दौरान धरती, सूर्य और शनि के बीचों-बीच होगा, जिसे खगोलीय भाषा में “Opposition” (अपोजिशन) कहते हैं. 

इस खगोलीय घटना के चलते शनि को रात के आसमान में बिना किसी दूरबीन या टेलीस्कोप के भी देखा जा सकेगा.

यह नजारा पूरे अगस्त महीने चलेगा और शनि पीले रंग के चमकते हुए तारे जैसा दिखाई देगा. 

हालांकि, शनि के विस्तृत छल्लों को देखने के लिए अभी भी एक अच्छे टेलीस्कोप की जरूरत होगी.

शनि के छल्लों की उत्पत्ति का रहस्य

नासा ने हाल ही में एक पोस्ट शेयर कर बताया था कि शनि के अनोखे छल्ले कैसे बने.

वैज्ञानिकों का मानना है कि ये छल्ले ग्रह के चारों ओर परिक्रमा करने वाले किसी चंद्रमा या किसी धूमकेतु के टूटने से बने हैं. 

संभावना है कि यह कोई ऐसा पिंड रहा होगा जो शनि के गुरुत्वाकर्षण बल के चक्कर में आ गया होगा और इतना करीब चला आया होगा कि तेज गुरुत्वाकर्षण के कारण टूट गया होगा. 

इसके टुकड़े अब शनि के चारों ओर चक्कर लगाते हुए छल्लों का रूप ले चुके हैं.

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शनि के छल्लों में निरंतर बदलाव

हालांकि शनि के छल्ले पहली नज़र में स्थिर दिखाई देते हैं, लेकिन असल में ये लगातार बदलते रहते हैं. नासा के अंतरिक्ष यान कैसिनी ने शनि के चारों ओर कई चक्कर लगाए हैं.

और इन चक्करों के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया है कि छल्लों में लगातार छोटे-मोटे बदलाव होते रहते हैं. कभी-कभी इन छल्लों में धूल और मलबे के नए बादल बन जाते हैं.

वहीं कभी-कभी ये छल्ले पतले हो जाते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि शनि के छोटे चंद्रमा इन छल्लों को लगातार आकार देते रहते हैं.

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शनि ग्रह का भविष्य के मिशन

शनि ग्रह और उसके रहस्यमय छल्लों को समझने के लिए नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां लगातार नए मिशनों की योजना बना रही हैं. 

अगले कुछ सालों में शनि की यात्रा पर भेजे जा सकने वाले कुछ संभावित मिशनों पर विचार किया जा रहा है.

उम्मीद है कि आने वाले इन मिशनों से हमें शनि के छल्लों की संरचना और उत्पत्ति के बारे में और भी अधिक जानकारी मिल सकेगी.

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निष्कर्ष

शनि के छल्ले सौर मंडल के सबसे आकर्षक और रहस्यमयी खगोलीय घटनाओं में से एक हैं.

नासा सहित विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियों के निरंतर शोध से हमें इन छल्लों के बारे में नई जानकारियां मिल रही हैं.

भविष्य के अंतरिक्ष मिशन शनि के छल्लों से जुड़े रहस्यों को और भी उजागर कर सकते हैं.

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