ब्रह्मांड में कहीं न कहीं, किसी न किसी ग्रह पर जीवन होने की संभावना हमेशा से ही वैज्ञानिकों और आम लोगों को रोमांचित करती रही है।
Table of Contents
Toggleनासा सहित कई अंतरिक्ष एजेंसियां लगातार इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं। हाल ही में हुए कुछ खोजों ने इस रोमांचक खोज में नई उम्मीद जगाई है।
रहने योग्य क्षेत्र (Habitable Zone)
वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी तारे के आसपास जीवन के अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक है वह क्षेत्र जहां तरल पानी पाया जा सकता है।
इस क्षेत्र को रहने योग्य क्षेत्र (Habitable Zone) कहा जाता है। इस क्षेत्र में ग्रहों की सतह पर का तापमान न तो इतना अधिक होता है कि पानी वाष्प बन जाए और न ही इतना कम होता है कि जम जाए।
और पढे :
सूर्य जैसे तारे और जीवन
अब तक, वैज्ञानिकों ने हजारों एक्सोप्लैनेट (Exoplanet – सूर्य के अलावा अन्य तारों के ग्रह) खोजे हैं।
इनमें से कुछ ऐसे ग्रह भी पाए गए हैं जो अपने तारे के रहने योग्य क्षेत्र में स्थित हैं।
लेकिन एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या सूर्य जैसे तारे के आसपास जीवन पनप सकता है?
सूर्य एक पीली बौनी तारा है। हाल ही में, वैज्ञानिकों ने पाया है कि सूर्य जैसे तारों के आसपास भी रहने योग्य ग्रहों पर जीवन के अनुकूल वातावरण हो सकता है।
इसका कारण यह है कि ये ग्रह अपने वातावरण की संरचना को बदलकर तारे से निकलने वाले विकिरण से सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, कुछ ग्रहों में हाइड्रोजन वायुमंडल के स्थान पर मीथेन वायुमंडल पाया गया है। मीथेन विकिरण से सुरक्षा प्रदान करने में कारगर हो सकता है।
और पढे :
नासा की जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope)
इन खोजों ने वैज्ञानिकों की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है। ब्रह्मांड में जीवन की संभावना का पता लगाने के लिए नासा ने हाल ही में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को अंतरिक्ष में स्थापित किया है।
यह अब तक की बनाई गई सबसे शक्तिशाली अंतरिक्ष दूरबीन है। जेम्स वेब टेलीस्कोप से वैज्ञानिक न केवल एक्सोप्लैनेट का पता लगाने में सक्षम होंगे, बल्कि उनके वायुमंडल का भी अध्ययन कर सकेंगे।
इससे हमें यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि इन ग्रहों पर जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियां मौजूद हैं या नहीं।
निष्कर्ष
यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि सूर्य जैसे तारों के आसपास जीवन निश्चित रूप से मौजूद है।
लेकिन हालिया खोजों ने निश्चित रूप से ब्रह्मांड में जीवन की संभावना को मजबूत किया है।
आने वाले कुछ वर्षों में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से मिलने वाले आंकड़ों से हमें इस रहस्य को सुलझाने में महत्वपूर्ण मदद मिल सकती है।
Share this:
- Click to share on Facebook (Opens in new window)
- Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
- Click to share on Reddit (Opens in new window)
- Click to share on Twitter (Opens in new window)
- Click to share on Tumblr (Opens in new window)
- Click to share on Pinterest (Opens in new window)
- Click to share on Telegram (Opens in new window)
- Click to share on WhatsApp (Opens in new window)