अंडमान निकोबार द्वीप समूह भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश है। यह द्वीपसमूह अपनी खूबसूरती के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।
Table of Contents
Toggle572 छोटे छोटे द्वीपों की इस समूह से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक बातें हैं जिससे आप अनजान होंगे। अंडमान निकोबार द्वीप समूह भारत का अभिन्न हिस्सा है।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में कितने दीप है?
![अंडमान निकोबार](https://gyankibaatein.in/wp-content/uploads/2024/01/andaman-nicobar-8-1024x576.webp)
अंडमान निकोबार द्वीप समूह का कुल क्षेत्रफल लगभग 8,249 वर्ग किलोमीटर है। इसमें 572 द्वीप हैं, जिनमें से केवल 36 द्वीपों पर स्थायी रूप से लोग रहते हैं।
अंडमान द्वीप समूह का क्षेत्रफल लगभग 6,408 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 203 द्वीप शामिल हैं। निकोबार द्वीप समूह का क्षेत्रफल लगभग 1,841 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 369 द्वीप शामिल हैं।
अंडमान द्वीप समूह को तीन मुख्य द्वीपों में विभाजित किया गया है:
- ग्रेट अंडमान
- लिटिल अंडमान
- सेंट्रल अंडमान
निकोबार द्वीप समूह को चार मुख्य द्वीपों में विभाजित किया गया है:
- ग्रेट निकोबार
- लॉन्ग आइलैंड
- बटांग द्वीप
- सेंट मैरी द्वीप
अंडमान निकोबार द्वीप समूह के मुख्य निवासी
यहां हर साल लाखों टूरिस्ट छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं। यहां के मुख्य निवासी जारवा जनजाति से है। यह 500 से भी कम संख्या में हैं और बाहरी लोगों से बिल्कुल घुलते मिलते नहीं हैं।
वैश्विक स्तर पर अंडमान निकोबार बेहद चर्चित है, लेकिन आज भी इसकी कहीं ऐसी जगह है, जहां इंसान पहुंच ही नहीं सका।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी
![अंडमान निकोबार](https://gyankibaatein.in/wp-content/uploads/2024/01/andaman-nicobar-6-1024x576.webp)
तो दोस्तों आज हम जानेंगे अंडमान निकोबार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां। बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि देश में कहीं भी पहली बार पोर्टब्लेयर में ही तिरंगा फहराया गया था जो कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी है।
ब्रिटिश शासन इस स्थान का प्रयोग स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में अपनी दमन की नीति के अंतर्गत क्रांतिकारियों को भारत से दूर जेल में रखने के लिए करता था। इसी कारण यह आंदोलनकारियों के मध्य कालापानी के नाम से जाना जाता है।
इसके लिए पोर्ट ब्लेयर में एक अलग जेल सेलुलर जेल का निर्माण किया गया जो ब्रिटिश काल में भारत के लिए साईबेरिया की तरह माना जाता है। भारत की 20 की नोट पर जंगल वाला हिस्सा अंडमान द्वीप का ही है।
इस द्वीप में कमर्शियल फिशिंग बैन है। यह धरती की उन चुनिंदा जगहों में से है जहां मछलियो को उम्र पूरी कर मरने का अवसर मिलता है और वह अपनी पूरी जिंदगी जीती है।
और भी पढ़े: सागर और महासागर में क्या अंतर है
अंडमान निकोबार द्वीप समूह कहां स्थित है
![अंडमान निकोबार](https://gyankibaatein.in/wp-content/uploads/2024/01/andaman-nicobar-10-1024x576.webp)
अंडमान निकोबार द्वीप समूह हिंद महासागर में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण भाग में स्थित है। भारत से ज्यादा अंडमान, इंडोनेशिया और बर्मा के नजदीक है। अंडमान से इंडोनेशिया की दूरी मात्र 150 किलोमीटर है जबकि भारत की सीमा से ये 800 किलोमीटर दूर है।
अंडमान के आइलैंड्स पर सदी के पहले सूर्यदेव की पहली किरण पड़ी थी। ऐसा सौभाग्य कचल आइलैंड को मिला था। अंडमान का नौ फीसदी इलाका जंगल से घिरा हुआ है। यह भारत के किसी भी राज्य से ज्यादा है।
अंडमान में बटरफ्लाई आपको खूब दिखेंगी। अंडमान तितलियों के लिए हैप्पी आइलैंड है। आसपास के उष्णकटिबंधीय आईलैंड से ढेरों तितलियां यहां पहुंचती है। अंडमान में कोकोनट क्रैब बहुत ज्यादा पाए जाते हैं। ये जमीन पर पाई जाने वाली सबसे विशाल क्रैब होते हैं, जिनकी लंबाई एक मीटर तक हो सकती है।
और भी पढ़े: जानिये रहस्यमयी पृथ्वी के 5 महासागर के नाम
अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर बोली जाने वाली भाषा?
इस द्वीप पर सबसे ज्यादा बंगाली भाषा बोली जाती है। इसके अलावा हिन्दी, तमिल, तेलगु और मलयालम भाषा बोलने वाले भी लोग रहते हैं। भारत में केवल अंडमान में ही आपको ज्वालामुखी देखने को मिलेगा।
भारत में ज्वालामुखी कहां है?
![ज्वालामुखी](https://gyankibaatein.in/wp-content/uploads/2024/01/Lava-1024x576.webp)
भारत में एक ही सक्रिय ज्वालामुखी है और यह अंडमान में ही है। यहां जाकर आप इस ज्वालामुखी को देख सकते हैं। यहां का ज्वालामुखी 28 मई 2 हज़ार 5 में फटा था।
तब से अब तक इससे लावा निकल रहा है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंडमान और निकोबार एकमात्र भारत का ऐसा भूमि क्षेत्र था, जिस पर जापान ने कब्जा जमाया था।
जापान ने भारत के उत्तरपूर्व के कुछ हिस्सों को भी कब्जे में लिया था, लेकिन अंडमान निकोबार पर तीन साल तक जापान का कब्जा रहा था। सुभाषचंद्र बोस जी ने अपनी आजाद हिन्द फौज को जापानी मदद से और मजबूत किया। यह द्वितीय विश्वयुद्ध का ही दौर था।
सुभाष चंद्र बोस ने उत्तर और दक्षिणी आयरलैंड को शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप नाम दिया था। यहां पर सबसे ज्यादा समुंद्री कछुए पाए जाते हैं। धरती का सबसे बड़ा कछुआ यहीं पर अपना ठिकाना बनाता है। यह साइज में बेहद बड़े होते हैं और हर साल अंदमान पहुंचते हैं। धरती के सबसे छोटा कछुआ ओलिव राइडेल भी अंदमान पहुंचकर आसरा बनाता है।
अंडमान द्वीप की उत्पत्ति को लेकर लोगों में तरह तरह की मान्यताएं है। ऐसा माना जाता है कि अंदमान शब्द मलय भाषा के शब्द हिन्दू मन से आया है जो हिन्दू देवता हनुमान के नाम का परिवर्तित रूप है। अंडमान के दो आइलैंड्स का नाम ईस्ट इंडिया कंपनी के दो ऑफिसर के नाम पर रखा गया है।
यह आइलैंड है हैवलॉक और नील आइलैंड। तो दोस्तों ये थी अंडमान निकोबार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां। अगर आपको ये जानकारि पसंद आया हो तो प्लीज इसे अपने दोस्तों को शेयर करना ना भूले। और हमने ज्ञान की बातें आपके लिए और भी ऐसे ही ब्लॉग लिखे हैं उसको भी पढ़ना ना भूले
प्रश्न और उत्तर
अंडमान निकोबार द्वीप समूह का कुल क्षेत्रफल लगभग 8,249 वर्ग किलोमीटर है। इसमें 572 द्वीप हैं, जिनमें से केवल 36 द्वीपों पर स्थायी रूप से लोग रहते हैं।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह का सबसे बड़ा द्वीप ग्रेट निकोबार है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 1,385 वर्ग किलोमीटर है।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में उष्णकटिबंधीय जलवायु पाई जाती है। यहाँ का औसत तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। वर्षा का मौसम मई से दिसंबर तक रहता है।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु पाए जाते हैं। इनमें समुद्री जीव-जंतु, स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप, उभयचर आदि शामिल हैं। अंडमान निकोबार द्वीप समूह प्रवाल भित्तियों के लिए भी प्रसिद्ध है।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हैं:
- पोर्ट ब्लेयर
- हरिपुर बीच
- वॉटर स्पोर्ट्स
- पर्यटन द्वीप
- एलिफेंटा द्वीप
- रॉस द्वीप
- नील द्वीप
- लॉन्ग आइलैंड
अंडमान निकोबार द्वीप समूह का इतिहास काफी पुराना है। यहाँ पर प्राचीन काल से ही मानव का निवास रहा है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर पुर्तगालियों, डचों और अंग्रेजों ने भी शासन किया था।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 5 प्रमुख जनजातियाँ रहती हैं। इनमें शामिल हैं:
- ग्रेट अंडमानी
- जरवा
- ओंज
- शोम्पेन
- उत्तरी सेंटिनली
Share this:
- Click to share on Facebook (Opens in new window)
- Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
- Click to share on Reddit (Opens in new window)
- Click to share on Twitter (Opens in new window)
- Click to share on Tumblr (Opens in new window)
- Click to share on Pinterest (Opens in new window)
- Click to share on Telegram (Opens in new window)
- Click to share on WhatsApp (Opens in new window)