हिन्द महासागर के बारे में | Hind Mahasagar
दोस्तों हमारे इस पृथ्वी में 70 पर्सेंट हिस्से में पानी ही पानी है जिसे जलमंडल कहा जाता है। और इसी जलमंडल में पाँच महासागर मौजूद हैं।
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Toggleजिनमें सबसे बड़ा महासागर प्रशांत महासागर यानी कि पैसिफिक ओशियन, दूसरा है अटलांटिक महासागर और तीसरा है हिंद महासागर यानी की इंडियन ओशियन और चौथा है दक्षिणी महासागर और पांचवा और सबसे छोटा महासागर है आर्कटिक महासागर।
दोस्तो, साइंस के क्षेत्र में हम मानव ने काफी तरक्की कर ली है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी इसके बावजूद भी हम मानव इस विशाल समुद्र की अभी तक केवल 20 पर्सेंट हिस्से का ही गहन अध्ययन कर पाए हैं।
इस समुद्र की असीम गहराइयों में अभी भी तकरीबन 80 फीसदी हिस्सा हम मानव से बिल्कुल अनजान है।
यानि की महासागरों की गहराइयों में आज भी कई सारे ऐसे रहस्य छुपे हुए हैं जिससे हम मनुष्य आज भी अनजान है। और ऐसे ही एक रोचक एवं कल्पनाओं का हिस्सा है हिंद महासागर।
दोस्तो, हिन्द महासागर विश्व के पाँच महासागरों में प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है, जो कि पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल के सात पर्सेंट हिस्से में फैला हुआ है।
दोस्तों आपको यह बात जानकर आश्चर्य होगा पूरी पृथ्वी की सतह पर जितना भी पानी मौजूद है उसका तकरीबन 20 पर्सेंट हिस्सा अकेले हिंद महासागर में ही मौजूद है।
दोस्तों इस महासागर का सबसे खास बात यह है कि इसका नाम हमारे प्यारे देश हिन्दुस्तान के नाम पर पड़ा है।
यह दुनिया का एक मात्र महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम पर पड़ा है। दोस्तों संस्कृत की पुस्तक में इसे रत्नाकर के नाम से बुलाया जाता है जिसका अर्थ होता है रत्न उत्पन्न करने वाला महासागर। वैसे आपको यह भी बताता चलूँ हिन्दू ग्रन्थ में इस महासागर को हिन्दू महासागर के नाम से भी जाना जाता है।
वैसे आपने यह भी सुना होगा कि हिन्द महासागर को सबसे युवा महासागर भी कहा जाता है क्योंकि शोधकर्ताओं की मानें तो इस महासागर का जन्म तकरीबन 73 करोड़ वर्ष पहले हुआ था।
तो हिन्द महासागर का पानी विश्व के अन्य महासागरों की तुलना में काफी गर्म मानी जाती है। यानि की हिन्द महासागर का पानी कभी कभी इतना गर्म हो जाता है कि इसका टेम्परेचर 36 डिग्री तक पहुँच जाता है।
हिन्द महासागर का क्षेत्रफ़ल?
हिन्द महासागर का कुल क्षेत्रफल 7,05,60,000 वर्ग किलोमीटर है। अगर इसकी चौड़ाई की बात की जाए तो ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के दक्षिणी सिरों में हिन्द महासागर की चौड़ाई तकरीबन 10,000 किलो मीटर है, जिसमें लाल सागर और फारस की खाड़ी भी शामिल है।
हिन्द महासागर की गहराई कितनी है?
अगर गहराई की बात की जाये तो हिन्द महासागर की औसतम गहराई तीन हज़ार 890 मीटर है और अधिकतम गहराई आठ हज़ार 47 मीटर है। यूं तो इस महासागर में हजारों द्वीप मौजूद हैं लेकिन इनमें से सबसे बड़े द्वीप मेडागास्कर और श्रीलंका है।
दोस्तो, हिंद महासागर का फैलाव भारत के पश्चिम में अफ्रीका तक तो पूर्व में इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया की सीमाओं तक फैला हुआ है।
दोस्तों जैसा की आप जानते हैं महासागरों में पानी का बहाव हमेशा एक ही दिशा में होता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी हिन्द महासागर में पानी का बहाव साल में दो बार परिवर्तन होता है।
गर्मियों में मॉनसून की हवाओं के कारण पानी का बहाव भारत की ओर होती है तथा सर्दियों में अफ्रीका की ओर बहने लगती हैं। तो आइए जानते हैं हिन्द महासागर में कौन कौन सी नदियां जाकर मिलती हैं।
हिन्द महासागर में जाकर मिलने वाली नदियों में सबसे प्रमुख्य नदी सिंधु, गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा।
इसके अलावा विश्व की दो सबसे बड़ी नदियाँ ब्रह्मापुत्र और गंगा हिन्द महासागर में जाकर मिलती हैं।
यह नदियाँ 2000 किलोमीटर दूर हिमालय पर्वतमाला से रेत और मिट्टी लाकर समुद्र में जाकर डालती हैं, जिनसे नदियों के मुहाने के आगे महासागर में अनेकों टापू बन जाते हैं।
इनमें से कई ऐसे द्वीप भी बन जाते हैं जिनकी प्राकृतिक सुन्दरता विश्व में और कहीं नहीं देखी जा सकती है जो कि पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
दोस्तो, हिन्द महासागर का सबसे गहरा गर्त सुनाता ट्रेंच है जिसे कि जावा ट्रेंच के नाम से भी जाना जाता है।
हिंद महासागर अधिकतम गहराई सात हज़ार 730 मीटर है और लंबाई तकरीबन 3200 किलोमीटर तक है।
दोस्तो, क्या आप जानते हैं हिन्द महासागर एशिया, यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप को जोड़ता है जो कि व्यापार के दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है।
भारत का तकरीबन एक परसेंट अंतरराष्ट्रीय व्यापार हिन्द महासागर से ही होता है। वैसे तो हिन्द महासागर की सीमाएं 40 देशों को छूती हैं और इनके तटों पर विश्व की 40 परसेंट आबादी बसती है।
साथ ही विश्व की व्यापार का दो तिहाई हिस्सा और सम्पूर्ण माल वाहक का एक तिहाई हिस्सा केवल हिन्द महासागर से होकर ही गुजरता है, जो कि देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।
हिन्द महासागर द्वीपसमूह?
हिन्द महासागर में कई प्रमुख द्वीपसमूह हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मालदीव – यह द्वीपसमूह भारत के पश्चिम में स्थित है। यहाँ लगभग 1,200 छोटे-छोटे द्वीप हैं। मालदीव एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
- सेशेल्स – यह द्वीपसमूह अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी तट से लगभग 1,600 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ लगभग 115 द्वीप हैं। सेशेल्स एक जैव विविधता से भरपूर द्वीपसमूह है।
- कोमोरोस – यह द्वीपसमूह अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी तट से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ लगभग 4 द्वीप हैं। कोमोरोस एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
- श्रीलंका – यह द्वीपसमूह भारत के दक्षिण में स्थित है। यह एक बड़ा द्वीप है, और भारत का एक पड़ोसी देश भी है। श्रीलंका एक जैव विविधता से भरपूर देश है।
- इंडोनेशिया – यह द्वीपसमूह हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर के बीच स्थित है। यह दुनिया का सबसे बड़ा द्वीपसमूह है, और इसमें लगभग 17,000 द्वीप शामिल हैं। इंडोनेशिया एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
इनके अतिरिक्त, हिन्द महासागर में कई अन्य छोटे-छोटे द्वीपसमूह भी हैं।
हिन्द महासागर का सबसे बड़ा द्वीप?
हिन्द महासागर का सबसे बड़ा द्वीप मेडागास्कर है। यह द्वीप अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी तट से लगभग 2,500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मेडागास्कर का क्षेत्रफल लगभग 587,000 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे विश्व का चौथा सबसे बड़ा द्वीप बनाता है। मेडागास्कर की जनसंख्या लगभग 27 मिलियन है।
मेडागास्कर एक जैव विविधता से भरपूर द्वीप है। यहाँ कई प्रकार के पौधे और जानवर पाए जाते हैं, जिनमें से कई अन्यत्र कहीं नहीं पाए जाते हैं। मेडागास्कर का राष्ट्रीय पशु अफ़्रीकी हाथी है, और राष्ट्रीय फूल तापसी है।
मेडागास्कर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहाँ कई प्रकार के पर्यटन आकर्षण हैं, जिनमें समुद्र तट, जंगल, राष्ट्रीय उद्यान और ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं।
हिन्द महासागर के अन्य बड़े द्वीपों में श्रीलंका, मालदीव, सेशेल्स, इंडोनेशिया के द्वीप, और अफ्रीका महाद्वीप के तटीय द्वीप शामिल हैं।
तो आशा करता हूँ की यह जानकारी आपको पसंद आई होगी| दोस्तों मेरा नाम Shubham है और में एक Geologist हु और आप Gyan Ki Baatein वेबसाइट पर हमारे अन्य ब्लॉग भी पढ सकते है। धन्यवाद।
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