माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई, दुनिया की छत, सदियों से मानवता को मोहित और चुनौती देती रही है।
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Toggleयह विशाल शिखर न केवल पृथ्वी पर सबसे ऊंचा बिंदु है, बल्कि साहस, दृढ़ संकल्प और मानवीय क्षमताओं का भी प्रतीक है।
इस ब्लॉग में, हम माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई कितनी है इसके बारे मे जानेंगे।
माउंट एवरेस्ट क्या है?
माउंट एवरेस्ट, जिसे सगरमाथा (नेपाल) और चोमोलंगमा (तिब्बत) भी कहा जाता है, माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है।
यह हिमालय पर्वत श्रृंखला का एक हिस्सा है और यह नेपाल और चीन की सीमा पर स्थित है। Mount everest ki unchai 8,848.86 मीटर (29,031.7 फीट) है।
यह एक पिरामिड के आकार का पर्वत है। इसकी चोटी पर ऑक्सीजन का स्तर समुद्र तल की तुलना में केवल 33% है।
यहाँ का तापमान -30°C से -20°C तक रहता है। यहाँ तेज हवाएँ चलती हैं, जिनकी गति 200 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई कितनी है
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848.86 मीटर है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है। यह हिमालय का हिस्सा है। पहले इसे XV के नाम से जाना जाता था।
वैज्ञानिक सर्वेक्षणों के हिसाब से इसकी ऊंचाई हर वर्ष 2 से॰मी॰ के हिसाब से बढ़ रही है।
नेपाल में एसका नाम सगरमाथा हैं और यहा के स्थानीय लोग इसे इसी नाम से जानते है, यह नाम नेपाल के बाबुराम आचार्य ने सन् 1930 के दशक में दिया था – सगरमाथा और इसे सदियों से चोमोलंगमा नाम से तिब्बत में जाना जाता है।
माउंट एवरेस्ट कहां स्थित है
माउंट एवरेस्ट हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित है, जो चीन और नेपाल की सीमा पर स्थित है। यह चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत और नेपाल के सोलुखुम्बू जिले में स्थित है।
देश: चीन और नेपाल
क्षेत्र: तिब्बत (चीन) और सोलुखुम्बू (नेपाल)
पर्वत श्रृंखला: हिमालय
निर्देशांक: 27°48’18.9″N 86°42’35.5″E
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई
- किलोमीटर मे : 8.849 किलोमीटर
- मीटर मे: 8,848.86 मीटर
- फीट मे: 29,031.7 फीट
- गज मे: 29,029.1 गज
- यार्ड मे: 9,842.5 यार्ड
ध्यान दें: माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई समय के साथ थोड़ी बढ़ सकती है, क्योंकि भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकरा रही हैं।
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई कितने किलोमीटर है ?
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8.849 किलोमीटर है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है। यह हिमालय पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है और चीन और नेपाल की सीमा पर स्थित है।
माउंट एवरेस्ट पर पहली बार कब चढ़ाई की गई थी ?
1852 में, ब्रिटिश सर्वेक्षणकर्ताओं ने इसे “पीक XV” नाम दिया। 1953 में, सर एडमंड हिलेरी और उनके गाइड तेन्जिंग नोर्गे ने पहली बार इस पर चढ़ाई की और तब से लेके अब तक 4,500 से ज्यादा लोग माउंट एवरेस्ट पर चढे हैं।
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई किसने मापी ?
सबसे पहले माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई जॉर्ज एवरेस्ट ने मापी थी। जॉर्ज एवरेस्ट 1830 से 1843 तक भारत के सर्वेयर जनरल थे।
उन्होंने भारत में कई महत्वपूर्ण भौगोलिक सर्वेक्षण किए, जिनमें माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई की माप भी शामिल है।
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने की प्रक्रिया क्या है?
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने के लिए जॉर्ज एवरेस्ट ने त्रिकोणमिति नामक एक तकनीक का उपयोग किया था। उन्होंने कई स्थानों से माउंट एवरेस्ट की चोटी का कोण मापा।
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई पहली बार 1847 में, जॉर्ज एवरेस्ट की टीम ने 29,002 फीट (8,840 मीटर) मापी थी। माना जाता है की उस समय की तकनीक के लिए यह माप बहुत ही सटीक था।
आज के जमाने मे आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके mount everest ki unchai को अधिक सटीकता के साथ मापा जा सकता है। 2020 में, चीन और नेपाल ने संयुक्त रूप से माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848.86 मीटर मापी थी।
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई का महत्व क्या है ?
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई का महत्व कई पहलुओं से देखा जा सकता है, जैसे की इसका भौगोलिक महत्व यह दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है, जो पृथ्वी की ऊंचाई को मापने और भूगोल को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हिमालय पर्वत श्रृंखला की भव्यता और विविधता का प्रतीक है।
इसका वैज्ञानिक महत्व यह पर्वत वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन का विषय है।
इसकी ऊंचाई, भूगर्भीय संरचना, और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन वैज्ञानिकों को पृथ्वी के इतिहास और यह आनेवाले भविष्य जानने के बारे मे मदद करता है।
यह पर्यटन के लिए भी महत्वपूर्ण है यह दुनिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
यह पर्वतारोहियों और साहसिक पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। यह पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाता है।
निष्कर्ष:
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई केवल एक संख्या नहीं है, यह कई महत्वपूर्ण पहलुओं का प्रतीक है। यह भौगोलिक, वैज्ञानिक और पर्यटन का एक महत्वपूर्ण भाग है.
माउंट एवरेस्ट प्रकृति की एक अद्भुत रचना है और यह दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करता है। यह मानव साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
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दोस्तों मेरा नाम Shubham Ghulaxe है में एक Geologist हु। और Science से जुड़े ऐसे ही जानकारी में आपके लिए Gyan Ki Baatein में लाता रहता हु आप और भी ऐसेही इंट्रेस्टिंग टॉपिक्स के बारे में पढ़ सकते है| अपना कीमती वक्त इस जानकारी को पढने के लिए आपका धन्यवाद्।
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